सड़क हादसे की आड़ में बड़ा खेल: हार्वेस्टर से हादसा, ट्रैक्टर दिखाकर इंश्योरेंस कंपनी को लगाया चूना

जांजगीर-चांपा। सारागांव थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भंवरेली निवासी 30 वर्षीय युवक की सड़क हादसे में मौत के बाद पुलिस और गवाहों की मिलीभगत से ऐसी कूट रचना रची गई कि असलियत ही पलट दी गई। असल में युवक की जान हार्वेस्टर की टक्कर से गई थी, लेकिन कागजों में पूरे हादसे को ट्रैक्टर की वजह से हुआ दिखाया गया। इस हेरफेर से न केवल हार्वेस्टर मालिक जिम्मेदारी से बच निकला, बल्कि इंश्योरेंस कंपनी से लाखों रुपए का मुआवजा भी वसूला गया। अब इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका, गवाहों की विश्वसनीयता और इंश्योरेंस कंपनी से धोखाधड़ी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल मामला 2024 का है। युवक अपनी मोटरसाइकिल बजाज प्लेटिना से ग्राम पाली से लौट रहे थे। जब वे मुड़पार पचोरी-कोरियाझूल मुख्य मार्ग पर पहुंचे, उसी समय सामने से आ रहा बिना बीमा का हार्वेस्टर उनकी बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर 112 की टीम पहुंची और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सिम्स बिलासपुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद हार्वेस्टर मालिक को यह डर सताने लगा कि बिना बीमा वाले वाहन से मौत हुई है, तो उसे भारी मुआवजा भरना पड़ेगा। इसी डर से उसने पुलिस और गवाहों से सांठगांठ की और पूरे हादसे का एंगल बदल दिया। एफआईआर में यह दर्ज कराया गया कि युवक की मौत ट्रैक्टर की लापरवाह ड्राइविंग से हुई। इस तरह न केवल हार्वेस्टर मालिक बच निकला, बल्कि इंश्योरेंस कंपनी को गुमराह कर मृतक के परिवार को मुआवजा भी दिला दिया गया।
मीडिया पड़ताल में हुआ खुलासा
मीडिया ने जब मामले की तहकीकात की तो असलियत सामने आई। ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने भी साफ कहा कि छत्रपाल की जान हार्वेस्टर से टकराने पर गई थी, लेकिन पुलिस ने पूरे मामले को बदलकर ट्रैक्टर का मामला बना दिया। यह खुलासा अब न केवल पुलिस पर सवाल खड़ा कर रहा है बल्कि इंश्योरेंस कंपनी से हुई ठगी को भी उजागर कर रहा है।
मामला पुराना है और यह माननीय न्यायालय का है, इसपर किसी तरह की जांच कार्रवाई करने हमारा अधिकार नहीं है, यदि माननीय न्यायालय में शिकायत के आधार पर निर्देशित किया जाता है तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
यदूमणि सिदार, एसडीओपी चांपा

