
जांजगीर चांपा। पामगढ़ विकासखंड के ग्राम ढाबाडीह में मानवता और सहयोग की एक अनोखी मिसाल देखने को मिल रही है। गाँव के शासकीय प्राथमिक शाला ढाबाडीह में लंबे समय से शिक्षक की कमी थी। स्कूल एकल शिक्षकीय होने के कारण बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही थी। ऐसे कठिन हालात में गाँव के अधिकारी और कर्मचारी आगे आए और स्कूल में शिक्षण व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनूठी पहल की। गाँव के इन जिम्मेदार अधिकारी–कर्मचारियों ने अपने आर्थिक सहयोग से पिछले पाँच महीनों से स्थानीय शिक्षित युवती आरती मल्होत्रा को बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। आरती मल्होत्रा न केवल बच्चों की पढ़ाई पूरी निष्ठा और लगन से करवा रही हैं, बल्कि एक बेरोजगार युवती को सम्मानजनक आजीविका भी मिल रही है। इस प्रयास ने गाँव में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि यदि समुदाय इच्छाशक्ति दिखाए तो सरकारी व्यवस्था की कमी भी बच्चों की शिक्षा को रोक नहीं सकती। आरती मल्होत्रा के आने के बाद स्कूल की पढ़ाई फिर से पटरी पर लौट आई है, बच्चों में उत्साह बढ़ा है और अभिभावक भी इस पहल से बेहद खुश हैं। गाँव के लोग बता रहे हैं कि यह सिर्फ एक सहयोग नहीं, बल्कि गाँव के भविष्य को संवारने का सामूहिक संकल्प है। अधिकारी–कर्मचारियों का यह मानवीय कदम पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों ने इसे “सच्ची सेवा भावना” बताते हुए जमकर सराहना की है। शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में समुदाय का इस तरह आगे आना समाज के लिए प्रेरणादायी उदाहरण है। गाँव के अधिकारी–कर्मचारियों की पहल और आरती मल्होत्रा की समर्पित सेवा ने साबित कर दिया है कि यदि मन में इच्छा हो तो बदलाव की शुरुआत कहीं से भी की जा सकती है।

